शिव संकल्प सूक्त
छः अति सुंदर एवं ज्ञान प्रभा से आच्छादित सूक्तों को पिरोकर शिव संकल्प सूक्त की रचना हुई जिसका वर्णन शुक्ल यजुर्वेद में आता है। हर सूक्त का अंत इस वाक्यांश के साथ होता है – “तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु” अर्थात – “उस ईश्वरीय शुभ संकल्प में मेरा मन रमण करे।” यह सूक्त एक अद्भुत एवं गहन प्रार्थना है जिसके द्वारा मन अत्यंत शांत हो जाता है एवं साधक को अपने आत्म स्वरुप को पहचानने की क्षमता प्राप्त होती है। स्वामी अभेदानन्दजी ने अपने अद्भूत प्रवचनों के द्वारा हमें इन सूक्तों का गूढ वेदांतिक सार बताया है।
Genre: Vedanta
Duration: 6 Talks/7 Hrs
Media: Audio
Series: CM Vibhooti 2010