कठोपनिषद
उपनिषद् हमारी असत से सत की यात्रा के प्रवेशक हैं। हमारे दुःखों का मूल कारण स्वयं में अपूर्णता की काल्पनिक अनुभूति है। सारे उपनिषद अनन्त ब्रह्म की पुष्टि करते हैं। कृष्ण यजुर्वेद शाखा का यह उपनिषद् अत्यन्त महत्त्वपूर्ण उपनिषदों में से एक है और जीवन के सही अर्थ और मृत्यु के रहस्य जैसे विषयों को अनावरित करता है।
इस उपनिषद् में वाजश्रवा-पुत्र नचिकेत और यमराज के संवाद के द्वारा सत्य की व्याख्या है। यह
संवाद आत्मा के ब्रह्म स्वरुप को दर्शाता है जो भूत और भविष्य, धर्म और अधर्म, कार्य और कारण से परे है। इस उपनिषद् के प्रथम अध्याय के प्रवचनों में स्वामी अभेदानन्दजी ने इस ब्रह्म स्वरुप को
सरल भाषा में समझाया है।
Genre: Vedanta
Duration: 27 Talks/40 Hrs
Media: Video/Audio
Series: Chinmaya Viboothi,2018